17 Home Remedies to finish Cataract easily – आंखों के मोतियाबिंद को आसानी से खतम करे यह 17 घरेलू नुस्खे
17 Home Remedies to finish Cataract easily – आंखों के मोतियाबिंद को आसानी से खतम करे यह 17 घरेलू नुस्खे
मोतियाबिंद (cataract) कनीनिका में चोट लगने के कारण, आंखों में किसी तरह की चोट लगने के कारण, बुढ़ापे की हालत में, मधुमेह (sugar- शूगर यानी डायबिटीज), गठिया (joint pain – जोड़ों के दर्द), वृक्क प्रदाह (गुर्दे की जलन) और धमनी रोग आदि रोगों के कारणों से आंखों (eyes) में हो जाता है। यह दो तरह का होता है कोमल और कड़ा। कोमल मोतियाबिंद नीले रंग (blue color) का होता है। यह बचपन से लेकर 35 वर्ष तक की आयु में होता है। कड़ा मोतियाबिंद वृद्धावस्था (old age) में होता है जिसका रंग पीला होता है। मोतियाबिंद एक या दोनों आंखों (both eyes) में हो सकता है। इस रोग में आंखों से देखने की शक्ति धीरे-धीरे कम (reduce in power slowly) हो जाती है। अंत में पूरी तरह से देखने की शक्ति (power) चली जाती है।
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आइये जानते है मोतियाबिंद के कुछ कारगार (effective ayurvedic remedies) आयुर्वेदिक घरेलु उपाय.
लक्षण : Symptoms of cataract, motiabind, motiyabind
आंखों की अंशत: या पूरी अपारदर्शिता को मोतियाबिंद(cataract – motiyabind) कहते हैं। इसकी शुरुआती अवस्था में आंखों की रोशनी (eyesight) कम हो जाती है और वह ऐसी चीजें देखने लगता है जो वास्तव (reality) में होती ही नहीं है जैसे मकड़ी के जाले आदि। रोग के बढ़ने के साथ ही आंखों की रोशनी कम होती चली जाती है और अंत में व्यक्ति (complete blind) पूरी तरह से अंधा हो जाता है।
भोजन और परहेज : Food to Avoid
पिसा हुआ आंवला या मुरब्बा, पपीता (papaya), पका हुआ आम, दूध, घी, मक्खन (butter), शहद, कालीमिर्च, घी-बूरा, सौंफ-मिश्री, गुड़ और सूखा धनिया, चौलाई पालक या कढ़ी पत्ती (kadi patta) से बनी दाल, बथुआ, सहजना, पोदीना, धनिया, पत्तागोभी (Cabbage), मेथी पत्ती, कढ़ी पत्ती (मीठे नीम की पत्तियां) आदि कैरोटीन प्रधान पत्तियों वाली वनस्पतियां, अंकुरित मूंग, गाजर, बादाम, शहद आदि का सेवन मोतियाबिंद (motiyabind) को दूर करने मे बहुत सहायक है।
मैदा, चीनी, धुले हुए चावल (rice), खीर, उबले हुए आलू, हलवा, चिकनाई वाला भोजन, चाय (Tea), कॉफी, शराब, अचार, टाफियां और चाकलेट (chocolate) आदि का सेवन मोतियाबिंद के रोगी को नहीं करना चाहिए।
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विभिन्न औषधियों से उपचार: Treatment from various herbs
कपूर : Kapoor
जिस औरत (lady) के लड़का हो उसके दूध में भीमसेनी कपूर को घिसकर आंखों में लगाने से या नौसादर को सुरमे (surma) की तरह आंखों में डालने से मोतियाबिंद(motiyabind) में आराम हो जाता है। ध्यान रहे कि इसका प्रयोग गुलाबजल (rose water) में मिलाकर भी किया जा सकता है।
अडूसा :
अडूसे के पत्तों को साफ पानी (fresh water) से धोकर पत्तों का रस निकाल लें। इस रस को अच्छे पत्थर की खल में डालकर (ताकि पत्थर घिसकर दवा medicine में न मिले।) मूसल से कूटकर निकालना चाहिए। जब इसका रस सूख (dry) जाए तो इसे आंखों में काजल की तरह लगाने से सभी तरह के मोतियाबिंद (cataract in relief) में आराम आता है।
पुनर्नवा (पुनर्नवा, विषखपड़ा और गदपुरैना) :
विषखपड़ा (गदपुरैना, पुनर्नवा) जो सफेद फूलवाली हो, उसकी जड़ भंगरैया के पत्ते के रस (juice) के साथ पीसकर रोजाना 2 से 3 बार आंखों में लगाने से काफी आराम (rest) आता है। इसका प्रयोग कुछ दिनों तक लगातार करने से मोतियाबिंद समाप्त (cataract finishes) हो जाता है। आंखों की रोशनी में चमक (shine in eyes) आ जाती है। इसे दृष्टि दाता बूटी कहते हैं। गदपुरैना के रस को शहद (mix in honey) में मिलाकर लगाने से आंखों के कई रोगों में लाभ होता है।
शहद : Honey
स्वस्थ आंखों (healthy eyes) में असली शहद की एक सलाई 7 दिनों में 1 से 2 बार डालने से आंखों की रोशनी कभी कम नहीं होगी, बल्कि उम्र बढ़ने (growing age) के साथ-साथ तेज होती चली जायेगी। साथ ही खाने के लिए 4 बादाम रात को पानी में भिगोकर (dip in water) रख लें और सुबह उठते ही 4 कालीमिर्च (black pepper) के साथ पीसकर मिश्री के साथ चाटे या वैसे ही चबा (chew) जाएं और ऊपर से दूध पियें। इससे आंखों का मोतियाबिंद नष्ट (kills the cataract ) हो जाता है।
90 ग्राम छोटी मक्खी (honey bee) का शहद, 10 मिलीलीटर अदरक का रस, 10 ग्राम नींबू का रस (lemon juice) और 10 मिलीलीटर सफेद प्याज का रस। इन सबको मिलाकर और छानकर एक-एक बूंद सुबह-शाम काफी समय तक डालते रहें। इससे मोतियाबिंद (motiya bindu) दूर हो जाता है। इसमें 120 मिलीलीटर गुलाबजल (rose water) मिलाकर रोजाना इसी प्रकार डालने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और चश्मा (removes specs) हट जाता है।
स्वमूत्र :
नए मोतियाबिंद में ताजे स्वमूत्र (fresh urine- खुद के पेशाब की) दो से तीन बूंदें आंखों में रोजाना दो से तीन बार डालने से शुरुआती मोतियाबिंद (motiya bindu) ठीक हो जाता है या बढ़ने से रुक (stops) जाता है। स्वमूत्र (खुद के पेशाब को) चौड़े मुंह के कांच की साफ शीशी (glass bottle) में ढककर रख दें और 15 मिनट बाद या पूरी तरह से ठंडा (cold) होने पर ही इससे आंखों को धोएं या दो-तीन बूंदें आंखों में डालें। यह प्रयोग दो से तीन महीने (within 2-3 months) तक करने से मोतियाबिंद में लाभ मिलता है।
सेंधा नमक : Epsom Salt
लगभग 1 ग्राम सेंधानमक और 5 ग्राम सत गिलोय (giloy) को पीसकर शहद में मिलाकर आंखों में सुबह-शाम (morning and evening) लगाने से मोतियाबिंद में आराम होता है।
प्याज : Onion
10 मिलीलीटर सफेद प्याज का रस (onion juice), 10 मिलीलीटर अदरक का रस (ginger juice), 10 मिलीलीटर नींबू का रस और 50 मिलीलीटर शहद (honey) को मिला लें। इस रस की 2-2 बूंदें रोजाना आंखों में डालने से मोतियाबिंद (Cataracts)कट जाता है।
लगभग 10 मिलीलीटर सफेद प्याज का रस, 10 मिलीलीटर असली शहद (छोटी मिक्खयों का thin honey पतला शहद), 2 ग्राम भीमसेनी कपूर इन तीनों को अच्छी तरह मिलाकर शीशी (bottle) में रख लें। रात को सोने से पहले कांच की सलाई से आंखों (in eyes) में लगाने से शुरुआती मोतियाबिंद (early cataract ) जल्दी ही रुक जाता है। यदि उतरा हुआ भी हो तो भी साफ हो जाता है।
10-10 मिलीलीटर प्याज और अदरक (onion and gigner) के रस को 40 ग्राम शहद में मिलाकर आंखों में सुबह-शाम लगाने से मोतियाबिंद (cataract -motiya bindu)में लाभ होता है।
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नौसादर:
भुने (roasted) हुए नौसादर को बारीक पीसकर सोते समय सलाई द्वारा आंखों (in eyes) में लगाने से मोतियाबिंद में आराम होगा।
गाजर : (Carrot)
लगभग 310 मिलीलीटर गाजर के रस (Carrot juice) में 125 मिलीलीटर पालक का रस (spinach juice) मिलाकर पीने से मोतियाबिंद दूर हो जाता है।
त्रिफला (बहेड़ा, हरड़ और आंवला) :
6 से 12 ग्राम त्रिफला चूर्ण (trifla churan) को 15 से 25 ग्राम घी के साथ दिन में 3 बार लेने से मोतियाबिंद में आराम (relief from cataract ) मिलता है।
ठंडे पानी (cold water) या त्रिफला के काढ़े से मोतियाबिंद (Cataracts)की बीमारी में आंखों को धोने से लाभ (benefit) होता है।
नींबू : Lemon
नींबू का रस, अदरक का रस (ginger juice), सफेद प्याज का रस 10-10 मिलीलीटर और छोटी मक्खी (small bee) का शहद 90 ग्राम मिलाकर छान (rinse) लें। इसके बाद 1-1 बूंद सुबह-शाम को 2 बार लगभग एक महीने (one month) तक आंखों में डालते रहने से मोतियाबिंद दूर होता है।
नींबू का रस, पटोल पत्र और गुडूची तना को बराबर मात्रा. (equal quantity) में लेकर काढ़ा बना लें। इस काढे़ को घृत (घी) के साथ दिन में 2 बार लेने से लाभ. (benefit) होता है।
दशमूल :
लगभग 15 से 30 ग्राम निशोथ के बारीक पाउडर. (thin powder) से बने काढ़े को गर्म घी और 15 से 30 मिलीलीटर दशमूल के काढ़े. (syrup) के साथ दिन में 3 बार लेने से मोतियाबिंद की बीमारी से रोगी. (relief from cataract) को छुटकारा मिलता है।
पीपल :
पीपल, उशीर मूल, पारसपीपल और उदुम्बर का काढ़ा, हरिद्रा प्रकन्द चूर्ण और उशीरमूल चूर्ण को गर्म घी. (hot ghee) में मिलाकर 15 से 25 ग्राम की मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम. (morning evening) लेना चाहिए। इससे मोतियाबिंद के मरीज. (patient) को आराम मिलता है।
रसांजऩ :
रसांजन, कसीस और गुड़ को मिलाकर मोतियाबिंद. (Cataract) की बीमारी में अंजन (काजल) के रूप में आंखों. (eyes) में लगाने से आराम मिलता है।
पिप्पली :
पिप्पलीफल और सेंधानमक. (epsom salt) को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर उसका पाउडर तैयार कर लें। इसे शहद. (honey) के साथ अंजन (काजल) के समान आंखों. (eyes) में लगाना चाहिए।
आमलकी :
1 लीटर आमलकी फलों का रस. (fruit juice) लें। इसे गर्म कर लें और 50 ग्राम घृत (घी) और 50 ग्राम मधु. (honey-शहद) मिला लें। इसका आंखों में काजल के समान प्रयोग. (use) करना चाहिए। इससे मोतियाबिंद. (cataract ) ठीक हो जाता है।
धनिया :
* धनिए को पीसकर. (mash) बारीक करके थोड़े-से धनिया को पानी में उबाल लें। इसके बाद इसे ठंडा करके कपड़े. (rinse in cloth) में छानकर आंखों में डालने से मोतियाबिंद में लाभ मिलता है।
* एक चम्मच पिसी हुई धनिया को पानी. (boil in water) में उबाल लें। फिर उसे छानकर ठंडा होने पर आंखों में डालें। इससे मोतियाबिंद. (relief in cataract) ठीक हो जाता है।
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आक :
आक के दूध. (akk milk) में पुरानी ईंट. (old brick) का महीन चूर्ण (10 ग्राम) तरकर सुखा. (dry) लें। फिर उसमें लौंग (6 नग) मिलायें। इसे लोहे के खरल में भली प्रकार से महीन करके बारीक कपडे़. (cloth) से छान लें। इस चूर्ण को चावल भर नासिका. (through nose) द्वारा प्रतिदिन सुबह नस्य लेने से मोतियाबिंद में. (quick benefit) शीघ्र लाभ होता है। इससे सर्दी-जुकाम. (cough and cold) में भी लाभ होता है।
नीम :
नीम के बीज का चूर्ण नियमित रूप. (regularly) से थोड़ी सी मात्रा में लगाने से मोतियाबिंद. (cataract diseases) के रोग में लाभ होता है।
बायबिडंग :
बेल के पत्तों. (bel leaves) पर घी लगाकर तथा सेंककर आंखों. (tie on eyes) पर बांधने से, पत्तों का रस आंखों. (eyes) में टपकाने से, साथ ही पत्तों को पीसकर मिश्रण. (mixture) बनाकर लेप करने से आंखों के कई रोग मिट जाते हैं।