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क्या आपको पता है के आपकी यह रोज़ाना की आदतें आपको बना सकती हैं डिप्रेशन का शिकार | Kya aapko pata hai ke aapki yeh rojana ki aadtein aapko bana sakti hai depression ka shikar

क्या आपको पता है के आपकी यह रोज़ाना की आदतें आपको बना सकती हैं डिप्रेशन का शिकार | Kya aapko pata hai ke aapki yeh rojana ki aadtein aapko bana sakti hai depression ka shikar

डिप्रेशन का शिकार

यदि आप बिना किसी कारण के कमजोरी और उदासी महसूस (feeling week and sad without reason) कर रहे हैं तो इसका अर्थ है कि आप डिप्रेशन के शिकार (victim of depression) हैं। क्या आप जानते हैं कि आपकी प्रतिदिन की कुछ आदतें विषाद के खतरे (increase the danger of depression) को बढ़ा सकती हैं? आजकल उदासी एक बहुत आम समस्या बनती जा रही है (sadness is a normal thing these days) क्योंकि हम में से सभी लोग ऐसे लोगों को जानते हैं जो विषाद से पीड़ित हैं।

विषाद के प्रमुख कारणों में जीवनशैली (lifestyle), काम का दबाव (work load), स्वास्थ्य के लिए हानिकारक आदतें (unhealthy habits) , अनुवांशिक प्रवृत्ति, अक्रियाशील रिश्ते, मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन (chemical imbalance in brain) आदि शामिल है।

विषाद वह स्थिति होती है जिससे ग्रसित व्यक्ति बहुत अधिक दुखी और निराशा महसूस (feeling very sad and tense) करता है और कुछ मामलों में यह निराशा आत्महत्या तक पहुँच जाती है (sometimes person can do suicide) अत: इसे मामूली नहीं समझना चाहिए। उदासी का इलाज गहन संज्ञानात्मक चिकित्सा सत्र, मनोविश्लेषण और दवाईयों (take medicines from psychiatrist) से किया जाता है।

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विशेषज्ञ कहते हैं (specialists says) कि जीवनशैली में कुछ सकारात्मक परिवर्तन (positive changes in life can cure this) करके आप उदासी का उपचार कर सकते हैं। यहाँ प्रतिदिन की कुछ आदतें बताई गयी (daily routine habits) हैं जिनके कारण विषाद की समस्या हो सकती है।

  1. प्रोसेस्ड फ़ूड खाना – Eating processed food

एक शोध अध्ययन के अनुसार वे लोग जो प्रोसेस्ड फ़ूड (processed food) जैसे चिप्स, इंस्टेंट नूडल्स (chips and noodles) आदि प्रतिदिन खाते हैं उन्हें विषाद की समस्या होने का खतरा अधिक होता है क्योंकि इन खाद्य पदार्थों में उपस्थित टॉक्सिंस विषारी पदार्थ मस्तिष्क (poisonous toxic eating things) में रासायनिक परिवर्तन (chemical changes) कर देते हैं।

  1. स्वयं को अकेला रखना- Leaving alone

बहुत दिनों अकेले रहकर स्वयं के साथ समय बिताने से और किसी के साथ न घुलने मिलने से विषाद की समस्या हो (not meeting other peoples from few days) सकती है क्योंकि इस आदत के कारण नकारात्मक विचार और अकेलेपन (increase negative thoughts and lonely) की समस्या बढ़ जाती है।

3.सोशल मीडिया का आवश्यकता से अधिक उपयोग- use social media more than necessity

विषाद पर किये गए एक अध्ययन से पता चलता है कि सोशल मीडिया अकाउंट पर बहुत अधिक समय बिताने या उनका आवश्यकता से अधिक उपयोग (spending excess time on social media can create depression) करने से मस्तिष्क के रसायनों में परिवर्तन होता है जिसके कारण विषाद की समस्या होती है।

  1. नकारात्मक लोगों के पास रहने से – Living around with negative thinking peoples

यदि आप नकारात्मक सोच रखने वाले और निराशावादी लोगों के साथ बहुत अधिक समय बिताते हैं (if you are meeting too peoples with negative thinking) तो उनके दृष्टिकोण के कारण आपको विषाद की समस्या (can create problem of stress) हो सकती है।

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  1. स्मोकिंग धूम्रपान- Smoking

अन्य दुष्परिणामों के अलावा प्रतिदिन धूम्रपान करने से विषाद की समस्या हो सकती है (smoking is also one of the reason) क्योंकि इसमें उपस्थित निकोटिन मस्तिष्क (nicotine effects the brain) के रासायनिक संतुलन को बिगाड़ सकता है।

  1. निष्क्रिय रहने से- Living like lazy man

निष्क्रिय जीवन शैली, बिना किसी कसरत या शारीरिक गतिविधि (no exercise or physical workout) के कारण भी तनाव की समस्या हो सकती है (can cause the problem of depression) क्योंकि बिना कसरत के मस्तिष्क में सेरोटोनिन का स्तर गिरने (serotonin level reduces) लगता है।

7.जन्म नियंत्रण के कारण- Birth control pills

अनेक महिलायें जो प्रतिदिन जन्म नियंत्रण के लिए गोलियों का सेवन करती हैं उन्हें विषाद की समस्या हो सकती है (taking birth control pills is also a reason for woman stress) क्योंकि इन गोलियों के कारण शरीर के हार्मोन्स में उतार चढ़ाव (hormone imbalance) होता रहता है।

डिप्रेशन का शिकार,obsessive compulsive disorder, cognitive behavioral therapy, dissociative identity disorder, डिप्रेशन का शिकार

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