गले के टॉन्सिल इन्फेक्शन को कहिये टाटा | Gale ke tonsils infection ko kahiye tata

गले के टॉन्सिल इन्फेक्शन को कहिये टाटा | Gale ke tonsils infection ko kahiye tata

● अक्सर बड़ी बीमारियों के डर से हम छोटी बीमारियों को नजरअंदाज कर देते हैं। बड़ी बीमारियां न हों, इसके लिए तो हम अपने खानपान का पूरा ध्यान रखते हैं, लेकिन छोटी-सी दिखने वाली बीमारी को बढ़ा लेते हैं। ऐसी ही एक आम-सी लगने वाली बीमारी है टॉन्सिलाइटस। इसे नजरअंदाज करना सही नहीं है। टॉन्सिलाइटिस के बारे में पूरी जानकारी|

》क्या है टॉन्सिल्स
यह बादाम के आकार के ऐसे अंग हैं, जो हमारे मुंह के अंदर गले के दोनों तरफ होते हैं। टॉन्सिल्स हमारे शरीर के सिक्युरिटी गार्ड के रूप में काम करते हैं और बाहरी इन्फेक्शन से हमारी हिफाजत करते हैं। ये बाहर से आने वाली किसी भी बीमारी को हमारे शरीर में दाखिल होने से रोकते हैं। अगर हमारे टॉन्सिल मजबूत होंगे तो वे बीमारी को शरीर में जाने से तो रोकेंगे ही, साथ ही खुद भी उस बीमारी या इन्फेक्शन से बच जाएंगे। अगर टॉन्सिल्स कमजोर होंगे तो वे बीमारी को शरीर में जाने से तो रोक लेंगे लेकिन खुद बीमार हो जाएंगे यानी उनमें सूजन आ जाएंगी, वे लाल हो जाएंगे, उनमें दर्द होगा जिससे बुखार हो जाएगा। इसके अलावा कुछ भी खाने-पीने या निगलने में दिक्कत होगी।

》क्या है टॉन्सिलाइटस
टॉन्सिल में होने वाले इन्फेक्शन को टॉन्सिलाइटिस कहते हैं। टॉन्सिलाइटिस की समस्या क्रॉनिक (लगातार बनी रहे) हो जाए तो ठीक नहीं है। टॉन्सिलाइटस को क्रॉनिक तब कहेंगे, जब यह समस्या हर एक-दो महीने में बार-बार हो रही हो। एक बार टॉन्सिलाइटिस होने पर अगर यह प्रॉब्लम दोबारा छह महीने बाद हो तो वह नॉर्मल है।

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कितनी तरह का होता है टॉन्सिलाइटिस
1) बैक्टीरियल इन्फेक्शन
2) वायरल इन्फेक्शन

● बैक्टीरियल इन्फेक्शन :-
यह इन्फेक्शन बैक्टीरिया के अटैक से होता है, जिनमें प्रमुख हैं Staphylococcus aureus,U Streptococcus pyogenes, Haemophilus influenzae आदि।

● वायरल इन्फेक्शन :-
यह इन्फेक्शन Reovirus, Adenovirus, Influenza virus आदि के अटैक से होता है। यह इन्फेक्शन तब होता है, जब हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी बीमारियों से लड़ने की ताकत कम होती है।

》किस मौसम में होता है :-
वैसे तो टॉन्सिलाइटिस इन्फेक्शन पूरे साल कभी भी हो सकता है लेकिन मौसम बदलने के दौरान यानी मार्च और सितंबर-अक्टूबर में इस इन्फेक्शन के होने का खतरा ज्यादा रहता है। इन महीनों में आप अपना ज्यादा ख्याल रखेंगे मसलन बहुत ठंडा-गरम, तीखा आदि न खाएं तो टॉन्सिलाइटिस से बच सकते हैं।

》किस उम्र में खतरा ज्यादा :-
टॉन्सिलाइटिस किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है, लेकिन 14 साल से कम उम्र के बच्चों में इसका खतरा ज्यादा होता है।

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》 कैसे होता है :-
– बहुत तेज गर्म खाना खाने से
– बहुत ज्यादा ठंडा खाने या पीने से, जैसे एकदम ठंडी आइसक्रीम या कोल्ड ड्रिंक आदि
– ज्यादा मिर्च-मसाले वाला तीखा और तला-भुना खाना खाने से
– टॉन्सिल्स के कमजोर होने पर भी
– प्रदूषण, धूल-मिट्टी आदि से
– इम्यून सिस्टम (बीमारियों से लड़ने की क्षमता) कमजोर होने पर
– पेट खराब होने से गैस या कब्ज की लगातार शिकायत रहने पर

》लक्षण :-
– टॉन्सिल्स का बढ़ना और सूज जाना
– गले के बाहर भी सूजन
– सूजन के साथ-साथ गले में दर्द
– कुछ भी खाने-पीने और निगलने में दिक्कत
– टॉन्सिल्स और गले का लाल होना
– तेज बुखार होना
– थकान होना
– कान में दर्द
– आवाज में बदलाव और भारीपन आना

● नोट : बच्चों और बड़े, दोनों में टॉन्सिलाइटिस के लक्षण एक जैसे ही होते हैं।

》 कौन से डॉक्टर के पास जाएं :-
– अगर आपको ऊपर बताएं लक्षण दिखें तो फौरन किसी अच्छे ईएनटी एक्सपर्ट यानी कान, नाक और गले वाले डॉक्टर को दिखाएं।
– अगर वायरल बुखार होने पर टॉन्सिल्स भी बढ़ जाएं, तब अपने फैमिली डॉक्टर (फिजिशन) को भी दिखा सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि हर बुखार में टॉन्सिल्स बढ़ें हीं।

》क्या है इलाज :-
अगर बुखार न हो तो मरीज को बुखार की कोई दवा नहीं दी जाती। गले में दर्द के लिए सिर्फ गरारे के लिए कहा जाता है। अगर टॉन्सिलाइटिस वायरल इन्फेक्शन की वजह से होता है तो बुखार के लिए पैरासिटामॉल (क्रॉसिन, कालपोल आदि) की गोली दी जाती है। गले में दर्द के लिए गुनगुने पानी में नमक डालकर मरीज को उसके गरारे करने को कहा जाता है। अगर टॉन्सिलाइटिस बैक्टीरियल इन्फेक्शन से हुआ है तो पैरासिटामॉल और गरारों के साथ एंटी-बायोटिक दवाएं भी दी जाती हैं। इससे एक हफ्ते में मरीज को आराम हो जाता है और दो हफ्ते में वह पूरी तरह ठीक हो जाता है।

》कब होता है ऑपरेशन
– अगर साल में तीन से चार बार टॉन्सिलाइटिस का अटैक हो।
– अगर मरीज को बोलने, खाना निगलने में बहुत ज्यादा दिक्कत हो।

● प्रोसेस :-
मरीज को बेहोश करके ऑपरेशन किया जाता है। ऑपरेशन में टॉन्सिल को निकाल दिया जाता है।
वक्त: ऑपरेशन करने में करीब 30 मिनट का वक्त लगता है और एक से दो दिन में मरीज ठीक हो जाता है।
खर्च: करीब 20 से 30 हजार रुपये
कौन करता है: ईएनटी स्पेशलिस्ट या ईएनटी सर्जन

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》 होम्योपैथी में इलाज :-
इम्यून सिस्टम कमजोर होने से भी टॉन्सिलाइटिस की समस्या होती है। होम्योपैथी में इलाज करते वक्त इस बात का ध्यान रखा जाता है कि इम्युनिटी को इतना बढ़ा दिया जाए कि हमारे टॉन्सिल मजबूत हो जाएं और खुद पर असर हुए बिना बीमारी को रोक सकें। होम्योपैथी में टॉन्सिलाइटिस के बार-बार होने का वक्त, उसकी समयसीमा और समस्या कितनी गंभीर है, इन तमाम बातों पर गौर किया जाता है। टॉन्सिलाइटिस को धीरे-धीरे कम और फिर बिल्कुल ठीक किया जाता है। आमतौर पर पूरी तरह ठीक होने में 3-6 महीने लग जाते हैं।

》दवाएं :-

 Belladonna 30: टॉन्सिल्स बहुत बड़े हो गए हों, उनमें सूजन, लालिमा और दर्द हो।

 डोज : 5-5 गोली दिन में 4 बार, 3-4 महीने तक
Baryta Carb 30: टॉन्सिल बड़े हो गए हों, मुंह खुला रहता हो, मुंह से लार आती हो, याददाश्त कम होने लगी हो और देखने में परेशानी होने लगी हो।

 डोज: 5-5 गोली दिन में 3 बार, 1-2 महीने तक
Calcarea Carb 30: टॉन्सिलाइटिस बार-बार हो रहे हों और हर ठंडी चीज जैसे ठंडा पानी, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक आदि खाने-पीने से परेशानी हो।
डोज: 5-5 गोली दिन में 3 बार, 2-3 महीने तक

नोट: इन दवाओं को अपने आप न लें। इन्हें किसी अच्छे होम्योपैथ डॉक्टर की सलाह से ही लें।

》 आयुर्वेद
● आरोग्य वर्धिनी वटी: 2-2 गोली सुबह-शाम, सादा पानी के साथ 3 से 6 दिन तक खाएं।
● पुनर्नवादिमंडूर: 2-2 गोली सुबह-शाम, सादा पानी के साथ 3 से 6 दिन तक खाएं।
● महालक्ष्मी विलास रस: 1-1 गोली सुबह-शाम, सादा पानी के साथ 3 से 6 दिन तक खाएं।
● त्रिभुवनकीर्तिरस: 1-1 गोली सुबह-शाम, सादा पानी के साथ 3 से 6 दिन तक खाएं। यह दवा गर्भवती महिलाओं को नहीं लेनी है।
● कल्पतरुरस: 125 मिग्रा. पाउडर को आधा चम्मच शहद या अदरक के साथ मिलाकर रोज रात को सोने से पहले एक हफ्ते तक खाएं।

● नोट: इनमें से किसी एक दवा का सेवन करें। ये दवाएं लेने से पहले वैद्य से सलाह कर लें।

》घरेलू इलाज :-
– 5 पत्ते तुलसी, 5 पत्ते काली मिर्च, 2 ग्राम या चने के बराबर अदरक को 1 कप पानी में उबालें। फिर छानकर पानी को पी लें। अगर चाहें तो इसमें आधा चम्मच चीनी और आधा चम्मच चाय पत्ती डालकर भी उबाल सकते हैं।
डोज: महीने भर पिएं। रात को पीकर सोएं और इसे पीने के बाद कुछ खाएं-पिएं नहीं।

– आधा चम्मच हल्दी पाउडर को एक गिलास गर्म दूध में मिलाकर पिएं। हल्दी हमारे शरीर को इन्फेक्शन से बचाती है। हल्दी को गर्म नहीं करना है।
डोज : रोज रात को सोने से पहले महीने भर पिएं।

– एक-चौथाई मुलेठी चूर्ण को आधा चम्मच शहद में मिलाकर खाएं।
डोज : रोजाना रात को महीने भर खाएं।

》 ऐसे बढ़ाएं《इम्युनिटी

इम्युनिटी यानी शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता हर इंसान के शरीर के अनुसार अलग-अलग होती है।
– ताजे फल, हरी सब्जियां, दालें खूब खाएं
– सादा खाना खाएं।
– खूब पानी पिएं।
– रोजाना आधा घंटा एक्सरसाइज करें
– ताजा हवा में टहलें।

– खाने को फ्रिज में रखने के बाद उसे बार-बार गर्म न करें। इससे खाने के पोषक तत्व कम होते हैं और इम्यून सिस्टम पर भी बुरा असर पड़ता है। ऐसा खाना हमारी पाचन क्रिया पर भी बुरा असर डालता है। वह खाने को पचने नहीं देता, जिससे शरीर में गैस, कब्ज, खट्टी डकार, दस्त आदि की शिकायत हो जाती है। फोड़े-फुंसी भी हो जाते हैं।

– 10 से 15 पत्ते तुलसी, 10 से 15 पत्ते पुदीने और 50 ग्राम अदरक को आधा भगौना पानी में उबालें। पानी को तब तक उबालें, जब तक वह कुल पानी का एक-चौथाई न रह जाएं। इसके बाद पानी को छान लें और उसमें पडे़ तुलसी और पुदीने के पत्तों और अदरक को भी पानी में निचोड़ लें। फिर उसमें शहद मिलाकर पिएं। इसे 7 दिनों तक 3 से 4 बार पिएं। यह उपाय उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है, जिन्हें टॉन्सिलाइटिस की प्रॉब्लम बढ़ने पर डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी है।

》योग भी है कारगर :-

● कुंजलक्रिया :-
सुबह एक जग भरकर पानी उबालें, गुनगुना होने पर उसमें नमक मिलाएं। उकडू होकर बैठ जाएं और पानी पिएं। पानी उतना पिएं, जितनी आपकी क्षमता हो, जोकि 2 से 4 गिलास तक हो सकती है। जब पानी गले तक आ जाए और उलटी आने को हो तो खडे़ हो जाएं। अब आगे झुककर उलटे हाथ को लेफ्ट साइड पर पेट पर रखें और पेट को दबाएं और सीधे हाथ की मिडल फिंगर से मुंह में उलटी लटकी जीभ को टच करें। ऐसा करने से उलटी होगी। ऐसा तब तक करें, जब तक सारा पानी उलटी के जरिए बाहर न निकल जाए और सूखी उलटी न आने लगे। इसके आधे घंटे बाद एक गिलास गुनगुना दूध पिएं।

》कितने समय तक《करें

– पहले 7 दिन रोज करें
– फिर 7 दिन में दो बार करें
– उसके बाद 7 दिन में 1 बार करें

● नोट : यह क्रिया सुबह खाली पेट करनी है और इस दौरान हाथ साफ हों और नाखून कटे हों। साथ ही जब टॉन्सिल बढे़ हुए हों, उनमें सूजन हो, लालिमा हो, उनमें दर्द हो या बुखार हो तो यह क्रिया न करें। इस क्रिया को किसी अच्छे योग गुरु के प्रशिक्षण में ही करें।

》ये हैं मददगार :-

– कपालभाति
– सेतुबंधासन
– पवनमुक्तासन
– भुजंगासन
– धनुआर्सन
– उष्ट्रासन
– जालंधर बंध
-अनुलोम-विलोम
– उज्जायी प्राणायाम
– भस्त्निका प्राणायाम
– डीप ब्रीदिंग

● नोट : इन्हें रोजाना सुबह 15 से 20 मिनट तक करें। ये तमाम आसन और प्राणायाम टॉन्सिलाइटिस होने पर भी राहत देते हैं।

》कैसा है आपका शरीर :-

हमारे शरीर में मुख्यत: 3 तरह की प्रवृत्तियां पाई जाती हैं- 1. वात, 2. पित्त, 3. कफ। हालांकि एक इंसान के शरीर में दो तरह की प्रवृत्तियों का मिला-जुला असर भी पाया जा सकता है।

● वात
जिन्हें पेट में गैस, कब्ज, सिरदर्द आदि रहता हो।
दवा : आधा चम्मच अश्वगंधा चूर्ण 1 गिलास गर्म दूध के साथ रोजाना रात को 1 से 2 महीने तक पिएं।

● पित्त
जिन्हें अक्सर बुखार, पेट में जलन, फोड़े-फुंसी, चक्कर आने की समस्या हो।
दवा : आधा चम्मच आंवला चूर्ण सादा पानी के साथ रोजाना रात को 1 से 2 महीने तक लें।

● कफ
जिन्हें सर्दी-जुकाम, मोटापे या शरीर में सूजन की समस्या हो।
दवा : एक चम्मच सितोपलादि चूर्ण या आधा चम्मच मुलेठी चूर्ण रोजाना रात को सादे पानी के साथ 1 से 2 महीने तक लें।

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  • Mujhe tenisil ho gaya hai aur mai doctor ke pass gaya doctor ne bola ki is me 3 ya 4 injection LA gana hai ye sahi hai

    • तीन महीने से tonsile बार बार होते है Roorkee में डॉक्टर से दिखाया तो कोई फायदा नही हुआ।
      थूक निगला नही जाता, अडचन के साथ साथ दुखन रहती है और नीचे की आवाज़ भी नही निकलती है
      Tonsile लाल हो चुके है swelling भी है
      please कोई इलाज बताये आपकी नवाज़िश होगी

      • khalid bhai,

        garam pani pina apni life ka rule bana lo....

        fatty, oily fried avoid karo...

        raat ko sone se pehle brush zaroor karo aur brush ke baad , garam paani mein sendha namak mila ke garaare karo aur pani pi jao..

        yahi iska ilaaj hai.

        alaah bhagwan sab aapki madad karenge.

  • Sir 1 mnts se Jayada Ho gya avi tak tonsil thk nhi Ho rha hai antibiotic v khaye hai aur garam pani aur naam lkn kh nhi hua

    • sumit ji ,

      khana khaane ke baad garam paani aur halki sugar wale boil paani se gargle karo aur din mein 2-3 baar glycerin lagao tongue pe aur muh mein andar....

      koshih karo ke mirchi kam khaao, avoid junk food for sometime.

  • mere bhi muh main tonsil stones hai..jise whitish stone bhi bolte hai.... mere muh se bad breath bhi atti hai .Mere neck mai bhi kharsh hoti rehti hai . or muh se thook bhi bht ata hai. Main kya kru ?
    please suggest me . or pain bhi hoti hai .thori thori

    • fever or kabaj bhi rehti hai kmjori bht hai mere andar .khoon ki bht kami hai .kuj khau to lgta hi nahi hai.. plz eska ilaz bhi btana.

      • raat ko sote hue kabaj har ya kabaj ki fakki 2 spoon paani mein milake lo, paani mein bhigo ke 10 minute rakh do fir piyo, 10-15 din lo, sab theek ho jaayega.

        hota kya hai pichla pet se saaf nahi hota aur uper se hum aur kha lete hai, is se sir ghumne lagta hai, aankhein band hone lagti hai aur kamjori feel hoti hai....

        pet saaf nahi ho raha hai isliye yeh problem aa rahi hai..

    • aapki height weight or daily routine kya hai..

      khujli mein sarson ka oil use kare, tonsil mein glycerin lagaye, khana khaane ke baad gargle kare.

      bad breath kab se hai ? agar jyada time se hai to liver ke test karwaye...

      muh se jyada time se badoo matlab liver ki problem, khana digest nahi ho raha hai, matlab ya to liver fatty hai ya pet saaf nahi ho raha hai..

        • pansari di dukan ya chemsit shop to mil jaani eh, 50-60 rs di 100 gram

          roj 2 chammach adhe glass paani ch paake thodi der bhigo lo, fer le lena extra glass ch paani naal le lena.

          main doctor nahi ya fer wi lagda problem sirf pet di hai, eh try karo,

          i am sure it will help te meri site wi frnds nu promote karo :)

    • rohit ji,

      garam paani mein halka sa namak daalkar gargle kare aur wohi paani pe jaaye, khaana khaane ke baad kulla jaroor kare.... kuch din thoda meetha jyada le....

    • atul agar yeh baar baar aa rahe ho to har baar khaana khaane ke baad kulla kar lo aur din mein 2 time half glass garam paani jismein bahut hi halki si chinni aur namak daalke piyo...

  • Mera gala under se pura chil gya hai.
    Aur mai singer hu
    Mere galy mai jo ghanti hai vo chil gyi hai. Bhot
    Jayda toncin ho gye hai. 2 bar phely bhi huy mane bhar ka kha liya tha. Uper jo jo likha hai sub hua mere sth. Ab

    Khasi hai mujhko aur. Sir dard band nhi hora.
    Eye kamjor hai . Meri

  • Mera be gala ma bahut problem hai. Docter dikaya hai medinice be phir tik ho Gaya but phir 10 din baad chalu ho Gaya dard.all time dard nahi hota subha subha aur Sam ko aur kanvi Asaa lag ta ha ki koi kuch chubraha hai. Kan ma be dard hota hai kabhi kabhi . Pls suggest me how I again good like in past. Kashi ati ha tab be dard hota hai.

    • bhai din mein 2-3 baar halka garam paani mein namak daal kar gargle karo, aur wohi paani pe jaao, raat ko sone se pehle gale par sarson ke tel mein halka sa kala namak daal kar gale ki maalish karo... ya desi ghee se maalish karo aur gale ko cover karke sona (paani nahi pena is time mein).

      khaane ke saath paani kam piyo,

      avoid oily , fried and maida products for sometime or forever its your wish..

      • din mein 2-3 baar halka garam paani mein namak daal kar gargle karo, aur wohi paani pe jaao, raat ko sone se pehle gale par sarson ke tel mein halka sa kala namak daal kar gale ki maalish karo... ya desi ghee se maalish karo aur gale ko cover karke sona (paani nahi pena is time mein).

        strong, oily fried avoid karo.

        stop tea coffe or reduce the qty.

  • Sir mere gale ke dono side se pause aur dane -dane ki tarah nikalta hai . Sunghne per bahut badbu aata hai.

    Aur sans bhi phulta hai.
    Help please...

  • Dear sir, mujhe 2 months se tonsils hain or jab se tonsils hue hain main tabhi se ent specialist dr. se dawa kha raha hu. maine 4 mbbs ent specialist dr. change kar diye bt koi bhi relief nhi h dr. khte hain ki tonsils pak gaye hain jiski wajah se pas pad gya h. iski wajah se mere har tym sar me dard, aankhin me weakness, halka fever, or pet bhi kharab rehne laga h. Dr. ne kaha hain operation karwa lo, to sir main yhi jan na chah raha hu ki kya tonsil ke operation ke baad ye puri tarah shi ho jayenge dobara fir to nhi honge kabhi qki ek baar pehle isi feb. me bhi mujhe tonsils ho chuke hain. Please answer me....

    • tonsil ya gale ki problems ulta seedha khana khaane ki wajah se hi hoti hai...

      karwa lo bhai operation, baaki agar weakness hai to ENERZAL ka pack le aao aur daily 2 glass lo aur 1 glass mein 2-3 spoon daalo aur halka sa salt. iska taste bahut badiya hai. yeh body ki weakness door kar dega.. 10-15 din use karo, fir se set ho jaoge..

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