दिल को तंदरुस्त और सेहतमंद रखने में आयुर्वेद है मददगार, Ayurveda is helpful for maintaining health of heart
दिल को तंदरुस्त और सेहतमंद रखने में आयुर्वेद है मददगार| Ayurveda is helpful for maintaining health of heart
maintaining health – हृदय रोगों (heart diseases) में आयुर्वेद बहुत लाभकारी है। आयुर्वेद दिल को तंदुरुस्त (ayurveda make heart strong) रखता है। दिल के रोगियों के लिए आयुर्वेद में अनेक (lots of remedies) उपाय हैं। आयुर्वेद के इन उपायों को अपनाकर आप अपने दिल को मजबूत (make your heart strong) बना सकते हैं। आयुर्वेद से बिना किसी सर्जरी (without any surgery) के किसी भी तरह के हृदय रोग का उपचार संभव है। आयुर्वेद चिकित्सा से बीमारी पूर्ण रूप से समाप्त हो (diseases/infection removes completely) जाती है और इन दवाओं का कोई साइड इफेक्ट (no side effects of ayurveda medicines) भी नहीं होता।
हृदय रोगों में कई प्रकार के रोग जैसे हृदयाघात (heart attack), उच्च रक्तचाप (high bp), रुमेटिक हृदय रोग, हृदय की विफलता, पेरिकार्डियल (pera cordial) बहाव आदि शामिल है। अगर आप दिल के लिए आयुर्वेद अपनाना चाहते हैं, तो आपको हर्बल तरीकों (herbal treatment) को अपनाना होगा। लेकिन इसके लिए चिकित्सक के बताये निर्देशों का अनुपालन (follow the instruction of ayurveda doctor) करना भी जरूरी है। आइए जानें आयुर्वेद की खासियत के बारे (lets know the specialists) में जिन्हें अपनाकर आप अपने दिल को तंदुरुस्त (healthy heart) रख सकते हैं और खुशहाल जीवन (happy life) जी सकते हैं।
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आयुर्वेद से हृदय रोग का उपचार- Heart Treatment from Ayurveda maintaining health
– अर्जुन की छाल हृदय संबंधी समस्याओं (heart related problems) को दूर करने में मददगार (helpful) होती है, क्योंकि यह प्राकृतिक जड़ी-बूटियों (natural herbs) से भरपूर हैं। ऐसे में हृदय रोगी अर्जुन टी का इस्तेमाल (use arjun tea) कर सकते हैं।
– ब्राह्मी औषधि दिमाग को शांत (calm brain) रखने वाली औषधि है। इससे न सिर्फ दिमाग तेज (sharp mind) होता है और याद्दाश्त बढ़ती है (improves memory) और यह हृदय को निरोग रखने में सहायक है। यह खासकर महिलाओं के हृदय के (good for women’s too) लिए लाभकारी है।
– जटामांसी से न सिर्फ इम्युन सिस्टम मजबूत (strong immune system) होता है, बल्कि यह हृदय को स्वस्थ रखने में भी कारगर है। यह दिल की धड़कन को नियंत्रित (controls heart beat) करने में लाभकारी है।
– येस्टीनमधु हृदय को मजबूत करने, रक्त से कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा घटाने (reduces cholesterol) और ह्दयाघात की संभावना को कम (reduces possibility of heart attack) करता है। इसे चाय या पानी (take it with tea or water) के साथ भी लिया जा सकता है।
– पूर्णानवा भी हृदय रोगों को दूर करने में लाभकारी (helpful) है।
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– कुटकी हृदय संबंधी समस्याओं और बीमारियों. (diseases) को दूर करता है। हृदय की धड़कन में भी सुधार. (improves heart beat) लाता है।
– खासकर दिल की सेहत के लिए नियमित रूप से हल्दी का सेवन. (having turmeric in daily routine) बहुत जरूरी है। लगभग 500 मिलीग्राम हल्दी रोज खाना चाहिए।
– हल्दी हमारे शरीर में खून का थक्का नहीं बनने देती क्योंकि यह खून को पतला .(turmeric make blood light) करने का काम करती है।
– गाय का दूध. (cow milk) पीने वाले को हृदय रोग नहीं होता। गाय के दूध में कैलशियम. (calcium), मैगनिशियम. (magnesium) और गोल्ड. (gold) जैसे बहुत सारे सूक्ष्म पोषक पदार्थ होते हैं। आयुर्वेद में गाय के दूध को हल्का, सुपाच्य, हृदय को बल. (strength to heart) देने वाला और बुद्धिवर्धक माना गया है।
– अलसी का उपयोग. (use of flax seeds) आपको दिल की बीमारियों से बचा सकता है। अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो रक्त नलिकाओं. (blood veins) में वसा के जमाव को रोकता है। अलसी के बीज से बने पदार्थ हृदय रोग. (heart disease) दूर करने में काफी मददगार हैं।
– आयुर्वेद से हृदय रोगों के इलाज के लिए जरूरी है कि स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही. (dont show laziness in care of health) न बरती जाएं। आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन निर्देशानुसार. (use medicine as per directions) किया जाये। कुछ हर्बल दवाईयों का मिश्रण हृदय रोगों को पूरी तरह से दूर. (finishes heart problems) करने में बहुत उपयोगी है।
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