एक अद्भुत मसाला लौंग | Ek adbhut masala Cloves
एक अद्भुत मसाला लौंग | ek adbhut masala Cloves
हमारे देश (in our country) में लौंग को मसालों का राजा माना जाता है| मसाले को स्थायी तथा खुशबूदार बनाने के लिए लौंग का प्रयोग किया जाता है| पान में भी लौंग डालकर खाया जाता है| इसके सेवन से गला खुल जाता है और छाती में जमा कफ बाहर निकल जाता है|
यह पाचक, पित्त नाशक, कुछ उष्ण, वायु रोग नष्ट करने वाला, दमा, बुखार, अपच, हैजा, सिर दर्द, हिचकी और खांसी आदि रोगों को शान्त करने वाला है| स्त्रियां (women’s) इसका उपयोग घरेलू चिकित्सा (use in home remedies) में करती हैं|
आइए, हम भी लौंग के औषधीय गुणों की जानकारी प्राप्त करें|
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खांसी (Cough)
लौंग, कालीमिर्च, अनार के छिलके और सोंठ – सभी बराबर की मात्रा में लेकर पीस लें| फिर शहद मिलाकर इस चूर्ण को दिन में तीन बार खाएं|
सिर दर्द (Headache)
लौंग को पानी में पीसकर माथे तथा दोनों कनपटियों पर लेप लगाने से सिर दर्द (headache) ठीक हो जाता है|
दांत दर्द ( Teeth Pain)
चार-पांच लौंग पीसकर पानी में डालकर उसे गरम कर लें| फिर इस पानी में कुल्ला करें| दाढ़-दांत के दर्द में लौंग का तेल लगाने से भी काफी आराम मिलता है|
जी मिचलाना ( Vomiting)
एक-दो लौंग मुंह में डालकर धीरे-धीरे चूसने से जी मिचलाना रुक जाता है|
बुखार ( Fever)
दो रत्ती की मात्रा में लौंग का चूर्ण गरम पानी से लेने पर बुखार (fever) उतर जाता है| इस चूर्ण का सेवन सुबह-शाम करें|
अपच और गैस ( Acidity – Gas)
दो लौंग पीसकर आधा कप पानी में डालकर अच्छी तरह खौला लें| फिर इस पानी को गुनगुने रूप में दिनभर में तीन बार पिएं|
गुहेरी
लौंग को पानी में घिसकर गुहेरी पर लेप करने से वह बैठ जाती है| इससे पलकों की सूजन (swelling) भी दूर होती है|
अम्लपित्त
भोजन के बाद दो लौंग सुबह और दो शाम को मुंह में डालकर चूसें| कुछ ही दिनों में अम्लपित्त शान्त हो जाएगा|
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खसरा
खसरा में दो लौंग का चूर्ण शहद (honey) के साथ दिन में तीन बार चटाएं| इससे बच्चे को बहुत आराम मिलता है|
दमा
लौंग, कालीमिर्च, सोंठ तथा अनार के छिलकों को समान मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर सेवन करें| यह छाती पर जमे हुए कफ (cough) को निकालता है और श्वास को स्वाभाविक बनाता है|
हैजा
एक गिलास पानी (1 glass water) में दो लौंग का चूर्ण और दो चम्मच प्याज का रस मिलाकर रोगी को पिलाने से हैजे का रोग शान्त होता है|