दोस्तों जरा संभल के इन रोजाना की आदतों का नतीजा हो सकता है स्किन का कैंसर | Dosto zara sambhal ke in rojana ki aadton ka natija ho sakta hai skin cancer

दोस्तों जरा संभल के इन रोजाना की आदतों का नतीजा हो सकता है स्किन का कैंसर | Dosto zara sambhal ke in rojana ki aadton ka natija ho sakta hai skin cancer

कैंसर दुनिया और भारत में सबसे तेजी से बढ़ती बीमारियों (growing diseases) में से एक है लेकिन हम आपको बता दें त्वचा कैंसर लोगों में इससे भी तेजी से फ़ैल रहा है। एक रिपोर्ट (report) के अनुसार, अमेरिका (America) में करीब 35 लाख लोग इस बीमारी से ग्रसित (infected) हैं। और हर साल करीब 20 लाख लोग इस बीमारी का इलाज (treatment) करवाते हैं।

त्वचा कैंसर पैदा करने वाला मेलानोमा (melanoma) में पिछले चार दशकों में 800 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है। इसी के चलते 25 और 29 के आयु वर्ग की महिलाओं के बीच यह सबसे आम कैंसर (normal cancer) बना गया है। आज हम आपको बता रहें है त्वचा कैंसर होने की वो  वजहें को ज्यादातर लोगों की डेली लाइफ (daily life) में शामिल हैं..

ज्यादातर लोगों का मानना हैं कि परिवार के इतिहास (family history) में अगर त्वचा कैंसर से जुड़ी कोई घटना नहीं तो आप सुरक्षित (safe) हैं लेकिन हम आपको बता दें कि ये एक भ्रम (myth) है। सच्‍चाई यह है कि आनुवंशिक इतिहास को जोखिम पर प्रभाव पड़ता है लेकिन आपका व्‍यक्तिगत इतिहास (personal history) भी इसमें महत्‍वपूर्ण भूमिका (important role) निभाता है।

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सनस्क्रीन का सही इस्तेमाल ज़रूरी – right way to use sunscreen

लोग अक्सर धूप में जाने से पहले या स्विमिंग पूल (swimming pool) में जाते समय सनस्‍क्रीन लोशन (lotion) का इस्‍तेमाल करते हैं। सनस्‍क्रीन लगा लेने के बाद हर कोई यही सोचता है कि वो सुरक्षित (safe) है। लेकिन हम आपको बता दें कि ऐसा सोचना गलत है। धूप में निकलने से कम से कम 20 मिनट पहले सनस्क्रीन लगाने से ही फायदा (help) मिलता है। ऐसा करने से सनस्क्रीन लोशन आपकी त्वचा में अच्छे तरीके से मिल जाता और सूर्य की किरणों (sun rays) के प्रभाव को बेअसर करने में मददगार होता है और यदि आप स्विमिंग करने जा रहे हैं तो वाटरप्रूफ सनस्क्रीन लोशन (waterproof skin lotion) का इस्तेमाल करें। इसके साथ ही अगर आप ज्‍यादा समय बाहर बिताने की योजना बना रहे हैं तो हर दो घंटे के बाद सनस्‍क्रीन लोशन लगाये।

सूरज से दूर रहना नुकसानदेह – avoiding sun light is unhealthy

ये सच है कि सूरज के संपर्क में मेलानोमा का खतरा दोगुना (double dangerous) हो जाता है लेकिन आपको बता दें कि धूप से ज़रुरत से ज्यादा दूर रहना भी बेहद खतरनाक (very dangerous) है। गौरतलब है कि 35 साल की उम्र से पहले सूरज के संपर्क में ना आने से मेलानोमा की आशंका 75 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। कैंसर के संबंध में किए गए अध्ययन (research) से यह बात सामने आई है कि सूरज की तेज किरणें न केवल त्वचा के कैंसर के जोखिम को कम सकती है वह स्तन (breast) और फेफड़े के कैंसर को भी नियंत्रित (control lungs cancer) कर सकती हैं। दिकत ये है कि ज्यादातर लोग ये नहीं जानते कि कितने वक़्त धूप में रहना सही है।

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बहुत ज्यादा धूप भी ठीक नहीं – too much sun heat is not good

हालांकि ज्यादातर स्किन स्पेशलिस्ट (skin specialist) आपको धूप सेंकने की सलाह (advice) देंगे क्योंकि इसी से आपको लाभकारी विटामिन डी (vitamin d) मिलता है। ये शरीर के लिए बेहद उपयोगी होता है। लेकिन बहुत ज्‍यादा धूप में रहना आपके लिए नुकसानदेह भी हो सकता है। इसलिए टैनिंग (tanning) आपके लिए स्‍वस्‍थ नहीं है क्‍योंकि यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें त्‍वचा डीएनए की रक्षा के लिए पिग्‍मेंट (pigment) पैदा करती है, जो एक क्षति है और इसे ठीक नहीं किया जा सकता |

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